स्वनाम  धन्य  ओजस्वी, गरिमामयी  और दयामयी श्रीमती सुषमा स्वराज के जाने से राजनीति में शून्य पैदा हो गया है जिसकी पूर्ति नहो हो सकती है।   जब देश कश्मीर में धारा 370 के ख़त्म किये जाने की ख़ुशी में जश्न मना रहा है तो ऐसे समय में राजनीति की पुरोधा श्रीमती सुषमा स्वराज देव लोक गमन से हम हतप्रभ हैं।  सुषमा जी एक सफल राजनेता ही नहीं अपितु एक करुणामयी माँ भी थी।  पता नहीं अपने राजनैतिक जीवन में उन्होनें कितने लोगों के मदत की इसका खाता रखना मुश्किल है।  विदेशों में फसें संकटग्रस्त लोगों की मदत में हमेशा तत्पर सुषमाजी हमेशा याद की जायेंगीं। बेदाग़  राजनैतिक जीवन उनकी कामयाबी है 

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